ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥११॥ धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥२॥ यह भी पढ़ें: जानिए स्वप्न शास्त्र में इसके शुभ संकेत और अर्थ सियार सिंघी सिद्ध मंत्र – ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय, मम वशी https://anthonyu741hnt5.therainblog.com/34424824/the-single-best-strategy-to-use-for-karj-mukti-upay