रक्तकम्बला यक्षिणी : मृत में प्राण डालने वाली और मूर्तियों को चालयमान करने वाली. उच्च कोटि के साधक यक्षिणी में स्वरूप या तो माँ स्वरूप लेते है या पुत्री स्वरूप. वशीकरण के द्वारा जीवन को बेहतर तरीके से जिया जा सकता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां https://holi-veshesh-sadhna59371.bloggerbags.com/37602289/how-to-do-vashikaran-kaise-hota-hai-fundamentals-explained